मध्यप्रदेश लोक निर्माण के काले धन.....

मध्यप्रदेश लोक निर्माण के काले धन कुबेर आंनद प्रकाश राणे ने 24 साल की नोकरी में 70 लाख की तनखाह बटौरे 12 करोड़, आय से अधिक सम्पत्ति का मामला लोकायुक्त में,विभाग इनाम में पद्दोन्नति कर अधीक्षण यंत्री बनाकर मुख्य अभियंता का प्रभार देने का चक्कर चला रहा हैं,


 कुछ पी डी/प्रमुख अभियंता ओऱ कुछ मुख्य अभियंता बन्ने के चक्कर में, कुछ हटेंगें कुछ हटायें जायेंगे,


 जो प्रभारी कार्यपालन यंत्री बनें हैं वह " अब हटने की जुगात में,,


 प्लान के टेंडर एस ओ आर से 1%2 प्रतिशत के आस पास लेक़िन एन डी बी की निविदाएं एस ओ आर से 25%से अधिक निविदाएं छानबीन समिति आख़िर क़्या देख रही हैं, या हमाम सब नहाने में जुटे हैं,


 18 दिसंबर को APD ने बैठक में विभाग के लिये 50+APD के 25=75 पैसे लिये मांगे हैं,समय व्रद्धि सप्लीमेंट, आईटम चेंज ओऱ PAC/TS के 2 रु अलग हैं 


 प्रमुख अभियंता भ/स कार्यलय ओऱ APD डीविजन के पैटर्न पर चल रहे हैं, अब तो ठेकेदार ओऱ अधिकारी कर्मचारी खुलासा चाय पान की दुकान पर खुलेआम करते हैं


 NDB प्रोजेक्ट पर आज़ प्रमुख अभियंता ने ओऱ मुख्य अभियंता अखिलेश उपाध्याय ने बैठक ली ?बैठक में कार्यपालन यंत्री ओऱ ठेकेदार भी सम्लित थे, निष्कर्ष/नतीजा ढाक के तीन पात,, 


प्रमुख अभियंता का पत्र दिनांक 31 8 2019 को एक बार पढ़कर जरूर लगा कि बहुत कुछ होने वाला हैं तो विभाग में सुधार भी आना चाहिये, लेक़िन मज़मून तो लीगल ओऱ चेतावनी भरा था,सवाल खड़ा हुआ कि पहले विभाग स्टीमेट पर टेंडर लगता था तो चूक भी हो सकती थी,लेक़िन जब डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर निविदा लगी हैं इसके बाबजूद DPR में बदलाव ओऱ ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का खेल निरन्तर चल रहा हैं


 शहडोल डिवीजन में विभाग ने काम कराया और भुगतान ठेकेदारों को किया जा रहा हैं इस तरह पेंचवर्क घोटालों का सामना प्रमुख अभियंता को करना पढ़ रहा हैं विभाग अब कार्यवाही कब करता हैं,रीवा जबलपुर भोपाल इंदौर उज्जैन ग्वालियर परिक्षेत्रों में इस तरह के प्रकरण सामने आ रहे हैं, प्रमुख अभियंता ने निविदाएं लगाने के मामलों पर शोकॉज नोटिस दिए थे फिर मामला रफ़ा दफ़ा क्यों हो गया हैं