महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग चुका है लेकिन इस बीच एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की एक चालाकी सामने आयी है, शरद पवार शिवसेना के साथ जो समझौता पत्र बना रहे हैं उसमें ढाई ढाई साल का मुख्यमंत्री पद शामिल है, शरद पवार चाहते हैं की पहले ढाई साल तक एनसीपी का मुख्यमंत्री बने उसके बाद ढाई साल तक शिवसेना का मुख्यमंत्री बने।
अब आप खुद समझ सकते हैं की शरद पवार कितने चालाक हैं, गठबंधन की सरकार का कोई भरोसा नहीं होता, शिवसेना किसी भी कीमत पर अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री चाहती है, अगर पहले एनसीपी का मुख्यमंत्री बन गया तो शिवसेना को ढाई साल तक इन्तजार करना पड़ेगा। हो सकता है की उससे पहले सरकार गिर जाए और शिवसेना को इन्तजार ही करना पड़ जाए।
शिवसेना ना घर की रहेगी ना घाट की लेकिन एनसीपी सत्ता का सुख भोग लेगी।
आपको बता दें की लगभग 18 दिनों तक चले सियासी घटनाक्रम के बावजूद भी महाराष्ट्र में अभी तक किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है, राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने बारी-बारी से बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन अभी तक कोई भी पार्टी बहुमत नहीं साबित कर पाई।
अगर आज शाम तक एनसीपी भी बहुमत नहीं साबित कर पायी तो महाराष्ट्र के राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की शिफारिश कर सकते हैं।
फिलहाल अभी शिवसेना हिम्मत नहीं हारी है, एनसीपी-कांग्रेस को फोन करके समर्थन मांग रही है, लेकिन कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने को तैयार नहीं हो रही है। शाम को एनसीपी और कांग्रेस के बीच में बैठक के बाद सब कुछ क्लीयर हो जाएगा।